पंचतंत्र की कहानी हिन्दी में : चंपक वन में शेर और बंदर

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बच्चों को शेर, बंदर, हाथी, खरगोश, चूहा जैसे जानवरों की कहानी सुनना बहुत अच्छा लगता हैं। क्योंकि, इन जनावरों को बच्चे कभी न कभी जरूर देखे हुए होते हैं। जबकि, इन सभी जानवरों में शेर और बंदर की कहानी बहुत प्रसिद्ध होती हैं। बंदर हर कहानी में अपने चतुर और चालाक स्वभाव के लिए जाना जाता हैं। इसलिए, आज हम बच्चाघर के इस लेख में आपको पंचतंत्र की कहानी हिन्दी में सुनाने जा रहे हैं, जोकि इस प्रकार हैं:

शेर और चतुर बंदर की कहानी:

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चंपक वन में सभी जानवर बहुत हंसी-खुशी रहते थे। वे सभी के सुख-दुख में हमेशा साथ देते थे। चंपक वन बहुत सुंदर वन था। जहाँ पर जानवरों को खाने पीने की कोई कमी नहीं होती थी। वन के पास नदी होने के कारण जंगल के जनावरों को पानी पीने के लिए भी दूर नहीं जाना पड़ता था। इस तरह से सभी जानवर इस वन में बहुत खुश रहते थे। जबकि इस जंगल में कोई जानवर किसी जानवर को हानि भी नहीं पहुंचता था।

एक बार चंपक वन से दूर सुंदरवन में आग लग जाने की वजह से एक शेर चंपक वन में रहने के लिए आ गया। जोकि बहुत खूंखार शेर था। उसकी भूख किसी जानवर को खाये बिना नहीं मिटती थी। शेर ने चंपक वन में देखा यहाँ तो बहुत सारे जानवर हैं। जिसे वह खाकर अपना भूख मिटा सकता हैं। उसी दिन से शेर आसानी से किसी भी जानवर के ऊपर झपट पड़ता था और उसको मारकर खा जाता था।

चंपक वन के जानवरों में डर और भय का माहौल पैदा हो गया था। सभी जानवर सोचने लगे हम सभी मारे जाएंगे अब हम क्या करें? एक दिन सभी जानवर मिलकर शेर के पास गये। शेर अपने पास सारे जानवरों को आते देख मन ही मन में खुश होकर सोचने लगा की आज तो मुझे बड़ी पार्टी मिलने वाली हैं। सभी जानवर शेर के पास आ गये और उनमें से बंदर ने बोला शेर दादा आप हमें खाने के लिए इधर-उधर मत भटका करो। हम लोग एक-एक करके आपके पास आते जाएंगे और हमें आप खा लेना।

बंदर की बात सुन शेर बहुत खुश हुआ और बोला देखो तुम लोगों की शर्त मुझे मंजूर हैं। लेकिन, तुम लोग यह भी ध्यान से सुन लो अगर मैं किसी दिन भूखा सोया तो तुम लोगों को एक साथ मार दूंगा। शेर की बात सभी जानवरों ने मान लिया और एक-एक करके शेर के पास जाना शुरू कर दिये जिसके कारण शेर को बैठे-बैठे भोजन मिलने लगा।

एक दिन शेर के पास बंदर का जाने का नंबर आया बंदर ने सोच मुझे अभी और जीना हैं मुझे मारना नहीं हैं। रास्ते में जाते-जाते बंदर ने भगवान से यही प्रार्थना करते हुए जा रहा था की अपनी जान कैसे बचाये? तभी शेर की गुफा में घुसते समय उसको एक कुआं दिखाई दिया जिसमें साफ पानी भरा था। बंदर को गुफा में देखकर शेर दहाड़ मारकर खड़ा हो गया। और शेर बंदर के पास आ पहुँचा और बोलने लगा तू तो बहुत छोटा हैं। तुझे खाकर मेरी भूख नहीं मिटेगी आज जंगल के सारे जानवर मारे जाएंगे।

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बंदर रोते हुए बोला महाराज आज आप का जन्मदिन हैं जिसके उपलक्ष्य मेरे साथ दो मेमने और आ रहे थे। हमें रास्ते में एक शेर मिला जो आप से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं। जिसने दोनों मेमने को खा लिया और आपको डरपोक और बुजदिल बोलते हुए मेरे साथ आप की गुफा में आ गया। बंदर की बातें सुन शेर गुस्से से लाल और पीला हो गया और बोलने लगा मेरे अलावा इस जंगल में कौन आ गया मुझे उससे मिलाओ । बंदर ने बोला महराज मत मिलों उससे, वह आपसे कई गुना शक्तिशाली हैं।

शेर को और गुस्सा आ गया और बोल तुम जल्दी से मुझे उससे मिलाओ नहीं तो मैं तुम्हें खा जाऊंगा। बंदर ने बोला ठीक हैं महाराज आओ देखो इसी कुआं में छिपा हैं। शेर ने कुआं के अंदर देखा तो उसकी गुस्से वाली परछाई दिखाई दिया। शेर ने सीधा कुआं में छलांग लगा दी और बाहर न निकल पाने के कारण कुआं में ही मर गया

बंदर तुरंत उछलते हुए चंपक वन जाकर सारी कहानी सभी जानवरों को बता दिया। बंदर की बात सुन सभी जानवर खुशी से झूम उठे और बंदर को अपनी सिर पर उठा लिया और खूब खुशियां मनाई और कहने लगे “जन बची सो लाखों पाए”

नैतिक सीख🧠: अपने बुद्धि और विवेक के सहारे लिया गया फैसला व्यक्ति को बड़े से बड़े खतरों से बचा सकता हैं। हमें ध्यान रखना चाहिए किसी भी परिस्थिति में धैर्य और साहस के साथ दिमाग से काम लेना चाहिए। बंदर के साहस ने चंपकवन के कितने जानवरों की जन बचा ली।

पंचतंत्र की कहानी हिन्दी में:

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Last Reviewed: 05 May 2024

Next Review: 05 May 2025

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