बच्चों आज हम आपको 10 अच्छी अच्छी मजेदार नैतिक कहानी हिन्दी में सुनाने जा रहे हैं जो आपके मन को बहलाने के साथ-साथ आपका ज्ञानवर्धन भी करेगा। इस लेख में छोटी कहानी हिन्दी में मिलेगी जिससे आपको बहुत काम शब्दों में बहुत ज्यादा ज्ञान और मनोरंजन प्राप्त हो सके। बच्चाघर के हर कहानी का यही उद्देश होता हैं की कहानी के माध्यम से बच्चे के बौद्धिक विकास को बढ़ावा दिया जाये। इसलिए, यहाँ पर आपको नैतिक कहानियों का संग्रह मिलेगा, जोकि इस प्रकार हैं:
1. हंस और बातुनी कछुआ की कहानी:
![the-story-of-the-swan-and-the-talking-turtle](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/the-story-of-the-swan-and-the-talking-turtle.jpg)
एक समय की बात हैं मानसरोवर नामक झील में दो हंस और एक कछुआ रहते थे। उन तीनों में बहुत गहरी दोस्ती थी वें तीनों एक दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे। हर सुबह कछुआ एक टीले पर बैठ के दोनों हंस को बहुत बड़ी-बड़ी बातें सुनता था। एक बार जब कछुआ बोलना शुरू कर देता था तो वह जल्दी चुप नहीं होता था। कछुआ अपने आपको बहुत बड़ा ज्ञानी समझता था।
एक बार मानसरोवर झील में सूखा पड़ गया अब कछुआ कहाँ जाये। इस बात को सोच कर चिंतित रहने लगा। उसने अपना दिमाग लगाया और अपने दोस्त को बोला क्या आप मुझे यहाँ से किसी और तालाब में ले चलोगे। दोनों हंस ने कछुआ को ले जाने के लिए तैयार हो गये और बोले, लेकिन तुम कैसे चलोगे।
कछुआ ने बोला आप एक लकड़ी का डंडा लेकर आओ जिसको आप दोनों अपने चोंच में दबा के रखना मैं बीच में पकड़ के लटक जाऊंगा। हंस ने ठीक उसके कहने के अनुसार ही किया। लेकिन, हंस ने कछुआ से कहा आप अपना ज्ञान रास्ते में मत देने लगाना नहीं तो नीचे जा गिरोगे। कछुआ ने बोला जो आज्ञा मेरे मालिक लेकिन, जल्दी मुझे यहाँ से लेकर चलो।
दोनों हंस ने कछुआ को लेकर उड़ गये आकाश से नीचे देखने में कछुआ को बहुत मजा आ रहा था। कुछ दूर चलने के बाद कछुआ नीचे देखा तो एक शिकारी दिखा जो बोल रहा था की हंस कितने बुद्धिमान हैं वे अपने दोस्त को कैसे सैर करा रहे हैं। शिकारी की बात सुन मूर्ख कछुआ अभिमान से भर गया और इस तरकीब को अपना नाम देने के लिए जैसे मुंह खोला नीचे जा गिरा और शिकारी ने उसे पकड़ लिया।
2. सियार से राजा बनने की कहानी:
![the-story-of-becoming-a-king-from-a-jackal](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/the-story-of-becoming-a-king-from-a-jackal.jpg)
एक बार की बात हैं एक जंगल में हायना नाम का एक सियार रहता था। जोकि, बहुत आलसी और कामचोर था जिसे मेहनत करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। वह अपने खाने के लिए शिकार करने में भी उसको आलस आती थी। वह हमेशा यही सोचता था की मैं शेर की तरह जंगल का राजा कैसे बनू? जिससे जंगल के सारे जानवर मेरे पास आए और मुझसे सलाह मशविरा करें। यही सोचते-सोचते हर दिन उसकी सुबह से शाम हो जाती थी उसको कोई तरकीब नहीं सूझ रही थी।
एक दिन वह अपने खाने की तलास करते-करते जंगल से भटक कर गाँव में घुस गया। जहाँ पर दिन में लोगो के डर से छिपने के लिए एक हौदे में जाके बैठ गया। देखते-देखते रात हो गई सियार रात में गाँव से भागकर जंगल आ पहुँचा। लेकिन सियार के हौदे में बैठने के कारण उसका रंग नीला हो गया था। क्योंकि उस हौदे में घर की पेंटिंग के लिय पेंट डालकर रखा था। जिसके कारण उस सियार को देख के सभी जानवर डरने लगे।
सियार ने बोला आप सब मेरे बच्चे हो मुझसे डरने की जरूरत नहीं हैं। मुझे भगवान ने आप सब की रक्षा के लिए भेजा हैं। उसकी बातें सुन जंगल के सारे जानवर उसको अपना देवता मानने लगे। वह सुबह शाम अपने पास दरबार लगाने लगे। सियार अब बहुत खुश रहने लगा वह ऐसा ही चाहता था। एक दिन सियार दरबार लगा के बैठा था। एक शेर उसके पास आ गया और उसको बोला आप हमारे देवता हो तो अपनी आवाज मैं हमें गाना गा के सुनाओ।
सभी जानवरों ने शेर के हाँ में हाँ मिलाया अब जैसे सियार गाना गनने के लिए हुआ-हुआ बोलना शुरू किया उसकी पोल खुल गई। सभी जानवर समझ गए ये कोई देवता नहीं हैं बल्कि यह तो सियार हैं जो हम लोगों को मूर्ख बना रहा हैं। शेर और सभी जानवर उसके ऊपर टूट पड़े और उसको मार डाले।
3. कौआ और मांस के टुकड़े की कहानी:
![crow-and-meatloaf-story](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/crow-and-meatloaf-story.jpg)
एक कौआ आकाश में उड़ रहा था जोकि बहुत भूखा था। उसे खाने की बहुत जरूरत थी जिसके कारण अब उससे उड़ा नहीं जा रहा था। उसने आकाश से देखा तो पेड़ के नीचे एक पैकेट में मांस का टुकड़ा रखा हुआ था। कौआ के मुँह में पानी आ गया लेकिन कौआ उस पैकेट को खोल नहीं पा रहा था। कौआ उस पैकेट को इधर उधर पटक रहा था। लेकिन मांस को टुकड़ा नहीं निकल पा रहा था।
उसको ऐसा करते हुए देख एक चतुर कौआ ने उसके पास आ के बोला। अगर आपको यह मांस का टुकड़ा निकलना हैं तो। आप इस पैकेट को ऊपर आकाश में ले जाके इस इस पेड़ की डाल पर गिरा दो जिससे यह पैकेट फट जाएगी और आपको मांस का टुकड़ा खाने के लिए आसानी से मिल जाएगा। यह विचार भूखे कौआ को बहुत पसंद आया उसने वैसा ही किया।
लेकिन आकाश से मांस का पैकेट गिरते ही मांस को दूसरा कौआ लेकर उड़ गया। जब नीचे भूखा कौआ आ के देखा तो पैकेट में कुछ भी नहीं था। कौआ समझ गया की दूसरे कौआ ने उसे मूर्ख बना दिया।
4. बिल्ली और बंदर की कहानी:
![story-of-cat-and-monkey](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/story-of-cat-and-monkey.jpg)
एक बिल्ली किसी घर से एक रोटी लेकर आई उसे देख दूसरी बिल्ली ने अपने हिस्से की रोटी मांगने लगी। लेकिन, दूसरी बिल्ली रोटी को देने से माना कर दिया। देखते-देखते दोनों में बाँहस शुरू हो गई और दोनों बिल्ली लड़ाई करने लगी। तभी वहाँ से एक बंदर गुजर रहा था। उसने दोनों की लड़ाई देख कारण जानना चाहा।
पहली बिल्ली बोली मैं इस रोटी को लेकर आ रही हूँ जिस पर मेरा पूरा अधिकार हैं। दूसरी बिल्ली से बंदर ने पूछा आप हिस्सा क्यों मांग रही हो। उसने जबाव दिया जब ये खाने की तलास में बाहर गई हुई थी तो मैं इसके बच्चों की रखवाली कर रही थी। चतुर बंदर ने उस रोटी के दो टुकड़े कर दिए एक थोड़ा बड़ा था और एक छोटा था।
लेकिन, फिर से बड़े वाले हिस्से के लिए दोनों में बिल्ली में लड़ाई शुरू हो गई। बंदर ने बोला बड़ा वाला हिस्सा मुझे दो जिसे बंदर ने खा लिया और छोटे वाले हिस्से को फिर पहले की तरह एक बड़ा और एक छोटा दो भाग में बाँट दिया। और फिर से दोनों बिल्ली में लड़ाई शुरू होती हैं। बंदर फिर वैसे ही करता हैं। इस तरह से बिल्ली की रोटी खत्म हो जाती हैं। और दोनों को आपस में झगड़ने के लिए पछतावा होने लगता हैं।
5. खरगोश, चूहा और दुष्ट बिल्ली की कहानी:
![the-story-of-the-rabbit-the-mouse-and-the-evil-cat](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/the-story-of-the-rabbit-the-mouse-and-the-evil-cat.jpg)
एक बार खरगोश ने अपने रहने के लिए एक बहुत शानदार घर बनाया। कुछ समय बाद खरगोश दूर अपने दोस्त के घर रहने के लिए चला गया। इसके बाद उस घर में एक चूहा रहने के लिए आ गया। चूहे को उस घर में रहते-रहते कई महीनों बीत गया। एक दिन खरगोश वापस अपने घर में रहने के लिए आया तो देखा वहाँ पर चूहा रहने लगा होता हैं।
खरगोश ने चूहे को बोला यह घर मेरा हैं जिसे मैंने बनाया था। मैं कुछ दिन के लिए अपने दोस्त के घर गया था। अब मैं वपास आ गया हूँ आप इस घर को खाली कर दो। खरगोश की बात सुन चूहा गुस्से से लाल और पीला हो गया। उसने बोला मैं यहाँ पर कई महीनों से रह रहा हूँ। अब मैं इस घर को नहीं छोड़ने वाला हूँ। दोनों में लड़ाई शुरू हो चुकी थी की उसके घर के बगल से एक बिल्ली जा रही थी।
खरगोश और चूहे ने बिल्ली को अपनी सारी बात बता दी। बिल्ली कई दिनों से भूखी थी उसने अपना दिमाग लगाई और बोली मैं अभी दूर के जंगल से इसी प्रकार की लड़ाई सुलझा के आ रही हूँ। मेरी उम्र बहुत ज्यादा हो जाने के करना मुझे थोड़ा कम सुनाई देता हैं। आप दोनों मेरे पास आके अपनी समस्या को सुनाओ। जैसे चूहा और खरगोश दोनों पास आए बिल्ली दोनों के ऊपर झपट पड़ी और मार कर खा गई।
6. कोयल और घमंडी कौआ की कहानी:
![the-story-of-the-cuckoo-and-the-arrogant-crow](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/the-story-of-the-cuckoo-and-the-arrogant-crow.jpg)
दूर जंगल में एक विशाल पेड़ था उस पर कौआ अपना घोंसला बना कर रहता था। कौआ एक बार खाने की तलास में दूर निकल गया। उसे अपने घोंसले में पहुचते शाम हो गई थी और मौसम भी खराब हो चुका था काले-काले बादल छा चुके थे। कुछ समय बाद उसके घोंसले के पास एक कोयल आयी और कौआ से बोली भैया मौसम खराब हो गया हैं बारिश भी होने वाली है मुझे अपने घर पहुचने में अभी और समय लगेगा। क्या मैं कुछ समय के लिए आपके घोंसले में रुक सकती हूँ।
कौआ भरे मन से बोला मेरे पास जगह नहीं हैं तुम कही और ठहरने के लिए देख लो। कोयल उसी पेड़ के नीचे गिरे एक सूखे पेड़ के अंदर जाके बैठ गई। थोड़ी देर में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। देखते-देखते बड़े-बड़े ओले भी पड़ने लगे। जिसके कारण पेड़ पर लगा कौआ का घोंसला भी टूट कर नीचे आ गिरा। कौआ और उसके बच्चे बहुत बुरी तरह से घायल हो गये कुछ की मृत्यु भी हो गई।
बारिश बंद होने के बाद कोयल लकड़ी के बिल से बाहर आई और देखी तो कौआ का परिवार नष्ट हो चुका था और कौआ भी घायल पड़ा था। कौआ कोयल को देखकर बोला आपको चोट नहीं लगी। कोयल ने अपने मन में सोची जैसे को तैसा और बिना कुछ बोले अपने घर के लिए उड़ गई।
7. भेड़िया और चरवाहे की कहानी:
![story-of-wolf-and-shepherd](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/story-of-wolf-and-shepherd.jpg)
रामसिंह नाम का एक चरवाह था उसके पास दस से अधिक भेड़ था। जिससे उसका जीवन यापन होता था। चरवाह एक दिन अपने भेड़ों को लेकर जंगल में चराने के लिए ले गया था। उसी जंगल में एक बहुत ही खूंखार भेड़िया रहता था जो रामसिंह के भेड़ों को झड़ी के पीछे छिप कर कई दिनों से देख रहा था। और अपने शिकार करने का प्लान बना रहा था। लेकिन चरवाह बहुत ही चौकन्ना रहता था।
प्रतिदिन रामसिंह अपने भेड़ों को जंगल लेकर जाया करता था। जंगल में कभी उसको कोई खूंखार जानवर नहीं दिखा जिसके कारण चरवाह अब निश्चिंत रहने लगा। उसने सोचा इस जंगल में ऐसा कोई जानवर नहीं हैं जो मेरे भेड़ों को हानी पहुँचा सके। एक दिन रामसिंह अपने भेड़ों को जंगल लेकर गया था। और वह निश्चिंत होकर सो गया पीछे से एक खूंखार भेड़िया आया और सभी भेड़ों को एक-एक कर के मार डाला।
8. बंदर और शंख की कहानी:
![story-of-monkey-and-conch](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/story-of-monkey-and-conch.jpg)
एक छोटा सा गाँव रामपुर था जहाँ पर सब बहुत खुशी-खुशी जीवन यापन करते थे। उस गाँव के लोग एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। गाँव से दूर चंपारण नाम का एक वन था जहाँ पर बहुत सारे पशु-पक्षी आपस में मिलकर रहते थे। उसी जंगल में एक चीकू नाम का बंदर रहता था जो अपनी शरारत के लिए जाना जाता था।
एक दिन चीकू बंदर रामपुर गाँव आ गया और चुपके से पंडित जी के घर से उनकी शंख को चुरा ले गया। चीकू को एक रात शरारत सूझी रात के बारह बजे थे पीपल के घने पेड़ पर चढ़ कर शंख को तेज-तेज बजाने लगा। रामपुर गाँव के सभी निवासी रात में जग गये। और शंख की आवाज के लिए तरह-तरह की बातें करने लगे। चीकू उस दिन से हमेशा रात को ऐसा करता था। जिसके कारण गाँव वालों की नींद भी खराब होती थी।
पूरे गाँव में डर का माहौल रहने लगा उस गाँव के पंडित जी एक दिन पूजा सुनाने जा रहे थे। और उनको उनकी शंख नहीं मिल रही थी। पंडित जी के दिमाग में तुरंत विचार आया की रात में जो शंख की आवाज आती हैं वह मेरी शंख से होती होगी। उसी रात पंडित जी चंपारण वन में गये और अपने साथ केले भी ले गये। पंडित जी ने पीपल काे पेड़ के नीचे केले रख दिया ऊपर पेड़ से चीकू बंदर केले को देखते ही शंख को छोड़ कर नीचे भागा।
पंडित जी शंख लेकर अपने गाँव चले गये। और सभी ग्रामवासी को चंपारण वन की घटना सुनाई। उस रात से शंख बजने की आवाज बंद हो गई। और रामपुर गाँव के लोग चयन की नीद सोने लगे।
9. अंधे पति और पत्नी की कहानी:
![story-of-blind-husband-and-wife](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/story-of-blind-husband-and-wife.jpg)
सूरदास नाम का एक व्यक्ति था जो जन्म से अंधा था। जबकि, सूरदास बहुत बुद्धिमान व्यक्ति था। किसी तरह पढ़ाई-लिखाई करके शादी योग्य हो गया। सूरदास के माता-पिता ने उसकी शादी कर दी उसकी पत्नी की आँखें ठीक थी। जोकि सूरदास को उनकी बुद्धिमतत्वा के आधार पर अपना पति बना लिया था। दोनों का जीवन अच्छे से चलने लगा। कदम-कदम पर सूरदास की पत्नी उसकी सहायता में लगी रहती थी।
एक दिन सूरदास के घर में किलकारी गूंजी जिसकी वजह से उनको एक पुत्र रत्न प्राप्त हुआ। जबकि, सूरदास की पत्नी के आँखों में कीड़ा चले जाने की वजह से दोनों अंखे चली गई। जिसके कारण उन्हें अपने जीवन जीने में बहुत परेशानी आने लगी। क्योंकि, सूरदास की पत्नी जब खान बनाती तो कुत्ता आकर खा जाता था और दोनों को कुछ खाने को नहीं मिलता था।
एक दिन सूरदास किसी जानकार व्यक्ति काे पास गये और अपनी बात बताये। उस व्यक्ति ने सूरदास को बोल जब आपकी पत्नी खाना बनाने लगे तो आप घर के चौकठ पर बैठ कर डंडा पीटते रहा करो। जिसके कारण, आपके घर पर कुत्ता नहीं आएगा। ऐसा करते कुछ दिन बीत गया और सूरदास और उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। अब बच्चा अकेले रह गया गाँव वालों ने उस बच्चे के शादी करा दी।
अब सूरदास के बेटे की पत्नी जब खाना बनाती तो उसका बेटा अपने पिता की तरह चौकठ पर बैठ के डंडा पीटता रहता था। एक दिन गाँव के किसी बुजुर्ग ने उसको ऐसा करते हुए देख लिया। और उससे पूछा आप ऐसा क्यों कर रहे हो। उसने बोल जब मेरी माँ खाना बनती थी तो मेरे पिताजी भी ऐसे ही करते थे इसलिए मैं भी कर रहा हूँ।
बुजुर्ग ने बोल उनको ऐसा करने के लिए मैंने ही बताया था। क्योंकि आपके माता-पिता की आँखें नहीं थी और खाना कुत्ता आकर खा जाता था। आपके पिताजी खाना कुत्ते से बचाने के लिए डंडा पीटते रहते थे। बुजुर्ग की बातें सुनकर सूरदास के बेटे की अंखे खुली ही रह गई और आगे से ऐसा करना बंद कर दिया।
10. हाथी और चींटी की कहानी:
![story-of-elephant-and-ant](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/story-of-elephant-and-ant.jpg)
एक वन में एक शरारती और घमंडी हाथी रहता था। जोकी बिना किसी बात के सभी से जानवरों से उलझ जाता था और उसको बर्बाद कर देता था। उसकी इस शरारती हरकत से जंगल के सभी जानवर परेशान थे। एक दिन वह हाथी रास्ते में जा रहा था। उसको एक जामुन के पेड़ दिखाई दिया जिस पर कुछ बंदर जामुन तोड़कर खा रहे थे। हाथी को यह सब देख कर अच्छा नहीं लगा। उसने जामुन के पेड़ को उखाड़ के फेक दिया। जिसके कारण बंदर बहुत दुखी हुए।
हाथी थोड़ा और आगे बढ़ा और उसने देखा की एक कबूतर अपना घोंसला बना रहा था। हाथी को फिर शरारत सूझी और उसके घोंसले को उठा कर फेंक दिया जिसके कारण कबूतर भी बहुत दुखी हुआ। लेकिन करे तो क्या करें हाथी का कुछ कर नहीं सकते थे क्योंकि वह बहुत शक्तिशाली था।
अगले दिन हाथी सुबह-सुबह घूमने निकला ही था उसने देखा की कुछ चींटी अपना खाना एकट्ठा कर रही थी। उसने बगल के तलब से अपने सूंड़ में पानी भरकर चींटी के घर पे डाल दिया जिसके कारण उसका घर तहस-नहस हो गया। चींटियों ने हाथी को सबक सीखाने के लिए प्रण कर लिया। एक दिन हाथी अपने घर पर सो रहा था। तभी चींटियों हाथी की सूंड़ में घुस गई और काटने लगी। जिसके कारण हाथी तड़प-तड़प कर मर गया और जंगल के सभी जानवरों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
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Last Reviewed: 05 May 2024
Next Review: 05 May 2025