पंचतंत्र की कहानी : शेर और बकरी का झुंड

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पंचतंत्र की कहानियां बच्चों को कई तरह की शिक्षा प्रदान करती हैं। कहानियों के माध्यम से बच्चे को मनोरंजन के साथ-साथ मानसिक विकास में वृद्धि भी होती हैं। बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं, उन्हें आप जिस प्रकार बनाना चाहे वैसा बना सकते हैं। इसलिए, बच्चों के घर के अंदर और बाहर के परिवेश को अच्छा बनाये रखना चाहिए। जबकि, बच्चों के ऊपर संगत का बहुत बड़ा असर पड़ता हैं। जिसके कारण बच्चे अपने आस-पास के लोगों को देख कर बहुत कुछ सीखते हैं। अगर आप अपने बच्चे के नैतिक ज्ञान में वृद्धि करना चाहते हैं तो आप उन्हें अच्छी-अच्छी कहानी भी सुना सकते हैं, जोकि इस प्रकार हो सकती हैं।

शेर और बकरी की कहानी:

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एक समय की बात हैं हीरा नाम के एक चरवाह था, उसके पास बहुत सारी बकरियाँ थी। जिसको चराने के लिए वह जंगल ले जाया करता था। बकरियाँ घास खाने के बाद जंगल के किनारे नदी में पानी भी पीने जाया करती थी। उसी जंगल में एक शेर रहता था। जोकि बकरियों का शिकार करने के लिए बहुत दिन से घात लगाये हुए बैठा था। लेकिन सभी बकरियाँ एक साथ हमेशा रहती थी जिसके कारण शेर उनके ऊपर हमला नहीं कर पता था।

एक दिन शेर ने सोचा इस चरवाहे को मार देते हैं। जिससे हमें शिकार करने में आसानी हो जाएगी। अगले दिन शेर चरवाह को मारने के लिए जा रहा था तो उसने सोचा अगर वह चरवाह को नहीं मार पाया तो उसके हाथ से सभी बकरियाँ भी निकल जाएगी और वह इस जंगल में बकरियों को लेकर कभी नहीं आएगा। उसने अपने बढ़ते कदम को पीछे खीच लिया और चरवाहे को मारना उचित नहीं समझा।

शेर दुबारा से जाके झाड़ियों में छिप गया और अपने मन ही मन में सोचने लगा बकरियों को अपना शिकार कैसे बनाया जाये। इसी तरह से कई दिन बीत चुके थे। शेर को कोई तरकीब नहीं सूझ रही थी। एक दिन शेर ने सोचा मुझे सबसे पहले इन बकरियों को झुंड से अलग करना चाहिए। जिससे चरवाह एक ही बकरी के पीछे ही रह पाएगा।

अब शेर बकरियों के झुंड के अंदर फूट डालना चाहता था। जिसके लिए शेर ने बंदर की मदद ली। शेर के कहने के अनुसार बंदर ने सभी बकरियों को अलग-अलग स्थान पर हरे-हरे घास के बारे में बताया और बकरियाँ उस स्थान की खोज में निकल पड़ी। जिसके कारण अब बकरियों के झुंड में फूट डल गई थी।

शेर अलग-अलग बकरियों को देख उन पर टूट पड़ा और मार कर खा डाला। अब चरवाह के पास एक भी बकरी नहीं बची हुई थी। जिसके कारण चरवाह बहुत दुखी हुआ और अपने घर वापस लौट गया। इस प्रकार यह कहा जा सकता हैं की जब तक हम एक हैं तो कोई भी हमारा कुछ नहीं कर सकता। लेकिन अलग होने पर हर कोई हमारा फ़ायदा उठा सकता हैं।

नैतिक सीख🧠: यह कहानी बताती है की अगर हम एक होकर झाड़ू की तरह बंधे रहेंगे तो हमें कोई कमजोर नहीं कर सकता। लेकिन, अगर हम आपस में लड़ते रहेंगे तो बिखर जाएंगे। जिसके कारण लोग हमें बिखरे हुए झाड़ू की तरह उठा के कूड़े में फेंक देंगे। एकता में ही बल हैं!

पंचतंत्र की कहानी:

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Last Reviewed: 03 May 2024

Next Review: 03 May 2025

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