पंचतंत्र की कहानी हमें कई प्रकार की शिक्षा देती हैं। जबकि, बच्चों के लिए कहानी एक ऐसा माध्यम हैं जो बच्चे को कई तरह से सोचने के लिए प्रेरित कर सकता हैं। आमतौर पर, अधिकतर माता-पिता की चाहत होती हैं की बच्चों को अच्छी-अच्छी कहानी सुनाया जाये जिसके माध्यम से बच्चे का सर्वांगीण विकास किया जा सके। इसलिए हम आपके बच्चों के लिए बहुत ही चुनिंदा कहानियों में से एक कहानी लेकर आते हैं। आज के इस लेख में हम आपको एक बहुत ज्ञानवर्धक कहानी सुनाने जा रहे हैं जोकि इस प्रकार हैं:
बूढ़ी दादी और मिनी चिड़िया की कहानी:
![the-story-of-the-old-woman-and-the-mini-bird](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/04/the-story-of-the-old-woman-and-the-mini-bird.jpg)
बहुत समय पहले की बात हैं। एक जंगल में नदी के किनारे एक बूढ़ी दादी छोटी सी झोपड़ी में रहती थी। उस जंगल में उसका कोई नहीं था। वह बगल के गाँव से कुछ खाने के लिए मांग कर लाती थी। जिसे वह मिनी चिड़िया और उसके बच्चों के साथ मिलकर खाती थी। मिनी चिड़िया और उसके बच्चों बूढ़ी दादी के घर के बगल के पेड़ पर रहते थे। इसप्रकार से चिड़ियों को बैठे बैठाए खाने को मिल जाता था जिसके कारण वें सभी चिड़ियाँ कही खाने की खोज में भी नहीं जाती थी और वे आकाश में उड़ान भरना भी भूल चुकी थी।
धीरे-धीरे दिन बीतता गया अब बूढ़ी दादी को गाँव जाने में परेशानी होती थी। क्योंकि उसके हाथ पैर पहले की तुलना में अब सक्रिय नहीं था। लेकिन, बूढ़ी दादी हमेशा यही सोचती थी, अगर हम गाँव से खाना लाने नहीं जाएंगे तो हमारे सहारे बैठी चिड़िया क्या खायेंगी। एक दिन बूढ़ी दादी ने मिनी चिड़िया से बोली देखो मेरी उम्र बहुत ज्यादा हो गई हैं मेरा कोई भरोसा नहीं हैं कब प्राण तन से निकल जाये। तुम लोग कही और चले जाओ और अपने बच्चों को दूर आकाश में भी उड़ना सिखाओ जिससे वें अपने लिए खाने की व्यवस्था कर सके।
लेकिन मिनी चिड़िया ने उस बूढ़ी दादी की बात नहीं मानी और बोली आप को छोड़कर हम नहीं जाएंगे हम आप के साथ ही रहेंगे। एक दिन सुबह बूढ़ी दादी अपने घर से बाहर नहीं निकली मिनी चिड़िया ने सोचा क्या हुआ आज दादी हमें खाना लेकर नहीं आई। जब मिनी चिड़िया ने झोपड़ी में जाके देखा तो बूढ़ी दादी की मृत्यु हो चुकी थी।
अब मिनी चिड़िया और उसके बच्चे परेशान हो उठे और सोचने लगे की उनका जीवन कैसे चलेगा। उनके पंख तो ज्यादा ऊंचाई भी नहीं नाप सकते हैं। उस रात मिनी चिड़िया और उसके बच्चों ने भूखे ही सो गये अगली सुबह मिनी चिड़िया ने प्लान बनाया की हम जंगल के बगल वाले गाँव में जाएंगे जहाँ पर हमें कुछ खाने को मिल जाएगा।
मिनी चिड़िया और उसके सभी बच्चे एक साथ गाँव जाने के लिए उड़ान भर दी कुछ दूर उड़ने के बाद उनके बच्चों के अंदर उड़ने की क्षमता खत्म हो चुकी थी। एक पेड़ पर सभी चिड़िया ने कुछ समय के लिए रुकने के लिए सोचा। उसी पेड़ पर उस जंगल की बहुत बुजुर्ग पंछी रहती थी। मिनी चिड़िया और उसके बच्चों को देख उसने बोला आप लोग बहुत परेशान लग रहे हो क्या मैं आप की कोई मदद कर सकती हूँ।
मिनी चिड़िया ने अपनी सारी बात उस बुजुर्ग पंछी को बता दी। जिसको सुनकर वह पंछी ने बोला आप लोग ने बहुत बड़ी गलती कर दी हैं आप लोग को बूढ़ी औरत की बात मानकर समय रहते अपने जीने का सहारा कर लेना चाहिए था। बैरहाल, मैं आपको एक ऐसी जगह दिखाऊँगी जहाँ पर आपको और आपके बच्चों को खाने और पीने को अच्छा-अच्छा मिल जाएगा। लेकिन आपको और आपके बच्चे को मुझसे एक वादा करना पड़ेगा।
भूखी मिनी चिड़िया ने बोली हमें आप की सारी शर्त मंजूर हैं, बताओ वह शर्त क्या हैं। बुजुर्ग पंछी ने बोला आप अपने बच्चे को दूर आकाश में उड़ना सीखाओगी और उन्हे खुद अपना खाना एकठ्ठा करने के लिए बोलोगी, मिनी चिड़िया ने बोली ठीक हैं। अब जल्दी चलो हमें उस जगह को दिखा दो जहाँ पर हमें खाने को बहुत कुछ मिल सकता हैं।
बुजुर्ग पंछी ने मिनी चिड़िया और उसके बच्चों को लेकर गाँव के बगल एक खेत में ले कर गई जहाँ पर फसल लगे हुए थे। वहाँ पर बैठकर सभी चिड़ियाँ ने अपनी भूख मिटा लिये और उसके आस -पास और फसल देख कर सभी चिड़िया खुशी से झूम उठे। लेकिन, मिनी चिड़िया अपने बच्चे को बुजुर्ग पंछी को दिये गए वादे के अनुसार हमेशा समझाती रहती और उन्हें आकाश की ऊँचाइयों को नापने में महरथ हाशिल करना सीखा दिया।
इस प्रकार मिनी चिड़िया को बहुत बड़ी सीख मिली जिसके लिए उसने उस बुजुर्ग पंछी को धन्यवाद बोला और आगे से सतर्क रहने तथा आलस को त्यागने का वचन भी दिया। अब मिनी चिड़िया और उसके बच्चों के जीवन में खुशियों की बाहर आ गई थी।
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Last Reviewed: 06 May 2024
Next Review: 06 May 2025