पंचतंत्र की कहानी : गाय कैसे “गौ माता” बनी

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आज के इस आधुनिक युग में बच्चों के अधिकतर समय टेलीविजन, फोन, लैपटॉप में लगे होने के कारण बच्चों की आँखें बहुत प्रभावित हो रही हैं। जबकि, बच्चों का इन उपकरणों को प्रयोग में लाने का कारण चाहे वह शिक्षा अथवा मनोरंजन का साधन ही क्यों न हो। इन उपकरणों को अधिकतर समय के लिए प्रयोग में लाने से बच्चों के मानसिक संतुलन में बदलाव हो सकता हैं। आमतौर पर बच्चों को इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों से दूर रखने के लिए आप उन्हें ज्ञानवर्धक कहानियों का सहारा भी ले सकते हैं। जिसके माध्यम से बच्चे के बौद्धिक विकास में वृद्धि होगी। इसलिए बच्चाघर के इस लेख में हम आपको पंचतंत्र से जुड़ी एक शानदार कहानी सुनाने जा रहें हैं, जोकि इस प्रकार हैं:

गाय से गौ माता बनने की कहानी:

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सुंदरपुर नाम का एक छोटा सा गाँव था जहाँ पर लगभग बीस से तीस घर रहते थे। वह गाँव बहुत सुंदर था सभी के पास खेत-खलिहान और जानवर रहते थे जो उनके जीवन यापन करने का प्रमुख साधन था। उसी गाँव में एक “हरिया” नाम का एक दूधवाला व्यक्ति था जिसके जीवन यापन करने का एक मात्र साधन गायों का दूध बेचना और उससे पैसे कमाना। हरिया के पास छोटी बड़ी कुल मिलाकर दस गाय थी जिसको वह गाँव के बगल खुले पड़े हिस्से में गायों को चराने ले जाता था।

उसी गाँव के पास एक बहुत पुरानी गुफा थी जिसे गाँव वाले आदमखोर की गुफा के नाम से जानते थे। उस गुफा में कोई जाता नहीं था अगर गलती से कोई चला गया तो वह उस गुफा से वापस नहीं आ पता था। हर दिन की तरह हरिया अपने गायों को चराने ले गया था शाम को वापस लौटते समय उसकी एक गाय घास चरते-चरते आदमखोर की गुफा में पहुच गई।

वह गाय बहुत दूध देने वाली गायों में से एक गाय थी। अब हरिया क्या करे? उस गाय को बहुत खोजने के बाद उसके पैर के निशानों से समझ गया की उसकी गाय उसी आदमखोर गुफा में चली गई है। हरिया और सभी गायों को लेकर घर चला गया और घर जा कर मायूस हो कर बैठ गया।

उधर हरिया की गाय जब घास चरते-चरते गुफा में पहुंची तभी गुफा के अंदर से एक आदमखोर राक्षस निकल और गाय को देखकर बोला आ जाओ बहुत वर्षों से मैं भूखा बैठा हूँ। आज भगवान ने तुम्हें मेरे लिए भेजा हैं तुम्हें खा कर मैं अपनी भूख मिटा लूँगा। आदमखोर की बातें सुनकर गाय बहुत डर गई और जोर-जोर से रोने लगी। लेकिन गाय बहुत साहसी थी उसने सोचा रोने से कुछ नहीं होने वाला हैं यहाँ से निकलने के लिय कुछ तो करना पड़ेगा।

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गाय ने अपना दिमाग चलाई और बोली आपकी इतनी बड़ी शरीर हैं, हमें मारकर खाने से आपकी भूख नहीं मिटेगी। आप हमें आज जाने दो कल मैं अपने दोनों बछड़ों को ले के आती हूँ तो आप हम सभी को मारकर खा लेना और आप की भूख भी पूरी तरह से मिट जाएगी। लेकिन, आदमखोर बहुत चालाक था उसने बोला मैं अपने सामने आए हुए शिकार को कैसे जाने दें, कल तुम नहीं आई तो मैं कल तुम्हारे घर पर आकर सारे जानवर को खा जाऊंगा।

गाय बोली मैं अपना वचन निभाऊँगी और मैं कल जरूर आऊँगी। इसी बात पर आदमखोर गाय को जाने देता हैं। हरिया अपने पास गाय को आते देख बहुत खुश होता हैं। लेकिन गाय ने सोचा अगर हरिया को आदमखोर की सारी बातें बताएगी तो कल हरिया उसे आदमखोर के पास नहीं आने देगा। गया ने ठीक ऐसे ही किया हरिया को बिना कुछ बताये वह अपने सभी गायों के पास चली जाती हैं।

पूरी रात गाय को नीद नहीं आई वह यही सोचती रही की आदमखोर को अपना दिया हुआ वादा कैसे पुरा करूँ? अगर, और सभी गायों को आदमखोर की बातें बता दूँ तो कल उसके साथ कोई नहीं जाएगा और आदमखोर उसके घर पर आकर सभी गायों को खा जाएगा। अगली सुबह हुई हरिया ने सभी गायों से दूध निकाल कर बेच आया। हर दिन की तरह उस दिन भी हरिया ने गायों को चराने ले गया।

घास चरते-चरते शाम होने वाली थी हरिया को नीद आ गई और गाय ने अपने कहे अनुसार अपने बछड़ों को ले के आदमखोर की गुफा में जा पहुंची। गाय की महक से आदमखोर जग कर खड़ा हो गया और देखा तो गाय अपने वादे के अनुसार अपने बछड़ों को लेके आ गई थी। उसकी ईमानदारी को देख आदमखोर ने बोल मैं तुम्हारी परीक्षा ले रहा था। तुम अपने किये वादे के अनुसार आई हो।

आदमखोर ने तुरंत अपना रूप भगवान श्री कृष्ण जी के रूप में बदल दिया और बोला आप की इस ईमानदारी से मैं बहुत प्रसन्न हुआ हूँ, मांगों जो आपको माँगना हो। मैं वचन देता हुआ आज से आपको इस दुनिया में गौ माता के नाम से जाना जाएगा तब से लोग गाय को गौ माता के नाम से पुकारा जाने लगा।

नैतिक सीख🧠: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की हमें किसी से किये हुए वादे पर खरा उतरना चाहिए।

पंचतंत्र की कहानी:

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Last Reviewed: 06 May 2024

Next Review: 06 May 2025

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