नैतिक कहानी : हाथी की मानसिक गुलामी

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बच्चों आज हम बच्चाघर के इस लेख में आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जोकि आपके छोटी सोच को बड़ा करने में मदद कर सकती हैं। इस कहानी कहानी के माध्यम से आपको नैतिक सीख भी मिलेगी जो आपको भविष्य में आगे बढ़ने में बहुत मदद कर सकती हैं। हम हमेशा बच्चों के लिए अच्छी अच्छी प्रेणादायक कहानी लाते रहते हैं। हमारा प्रमुख उद्देश यही होता हैं कि हम आपको बहुत कम शब्दों में मनोरंजन के साथ अधिक ज्ञानवर्धन कर सके।

हाथी और महावत की कहानी:

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खमपुर गाँव में हरिया नाम का एक महावत रहता था। उसके पास बहुत सारे हाथी और उसके बच्चे रहते थे। हरिया को हाथियों से बहुत लगाव था। इसलिए, वह हाथियों को देख कर उसके दुख-दर्द को पहचान जाता था। जिसके कारण हथियाँ भी हरिया को बहुत प्यार करते थे। इस प्रकार हरिया का जीवन उन्ही हाथियों के सहारे चलता था।

एक दिन हरिया सुबह नहीं उठा, वह बहुत बीमार पड़ गया। एक हाथी ने हरिया को देखा और तुरंत वैद्य को लाने चला गया। दूसरी हाथी जंगल से कुछ फल लाने के लिए चली गई। जबकि तीसरी हाथी नदी से पानी लेने चली गयी। इस प्रकार सभी ने हरिया के ठीक होने का जतन करने लगे।

वैद्य हरिया के घर के पर पहुँच के सभी हाथियों के लगाव को देखकर बहुत अचंभित हो गया। उसने हरिया का इलाज किया और हरिया अगले दिन ठीक हो गया। उसी सुबह हरिया के घर पर फिर से वही वैद्य आया। उस समय हरिया अपने हाथियों को नहलाने के लिए नदी के पास ले गया था। नदी से लौटने के बाद हरिया अपने घर पर वैद्य को देखकर कारण जानना चाहा।

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हरिया इसके पहले वैद्य से कुछ पूछता, वैद्य ने बोलना शुरू कर दिया हरिया तुम कितने भाग्यशाली हो आज के इस युग में लोगों के पास इतना बड़ा परिवार, पत्नी और बच्चे होने के बावजूद उनकी कोई देख-रेख करने वाला कोई नहीं हैं। आपको ठीक करने के लिए तुम्हारे ये जानवर जिस तरह से देख-भाल किये हैं वह बहुत ही सराहनीय हैं।

हरिया ने बोला मेरा जीवन इन्ही जानवरों के लिए समर्पित हैं। वैद्य ने हरिया से उसके स्वस्थ और जानवरों से जुड़ी बहुत सारी बातें की। जिसका जबाब हरिया देता गया जानवरों के प्रति उसके लगाव को देख कर वैद्य बहुत प्रभावित हुआ। फिर, वैद्य अपने घर जाने लगता हैं कुछ दूर ही गया होता हैं। अचानक वैद्य वापस दुबारा हरिया के पास आकर पूछता हैं।

मैं एक बहुत ही अहम सवाल आप से पूछना भूल ही गया था। हरिया ने पूछा बोलो वैद्य जी वह कौन सा सवाल हैं जो आप पूछना चाहते हैं। वैद्य ने हरिया को बोला आपके पास इतने हाथी हैं जोकि बहुत शक्तिशाली होते हैं जो एक ही झटके में बड़े-बड़े पेड़ों को उखाड़ के फेक सकते हैं आप उनको किससे बांधते हो।

हरिया मुस्कुरा के बोला वैद्य जी आपके इस प्रश्न का जबाव हम बोलकर नहीं, दिखाकर देना चाहते हैं। हरिया वैद्य को एक स्थान पर ले गया जहाँ पर वह हाथियों को बांधता था। उसने हाथियों को बाधने वाली रस्सी और एक खूंटा दिखाई जिसको देखकर वैद्य आश्चर्यचकित हो गया। वैद्य ने हरिया से बोला इतनी कमजोर रस्सी और खूंटा को हाथी क्यों नहीं तोड़ पाते हैं?

हरिया बोला यह वही रस्सी और खूंटा हैं जब हाथी का बच्चा पैदा हुआ था तो हम इसी में बंधे थे। उस समय हाथी के बच्चे के लिए यह बहुत मजबूत था जिसे वह बहुत प्रयास करने के बावजूद तोड़ नहीं सका था। धीरे-धीरे हाथी बड़े हो गये लेकिन उनके दिमाग में यह बात घर कर गई की यह रस्सी और खूंटा वह नहीं तोड़ सकता।

हरिया ने बोला इसी को बोलते हैं मानसिक गुलामी ये सभी हथियाँ जो काम बचपन में नहीं कर सकी अब वह बड़े होकर भी उस काम को करने का प्रयास भी नहीं करती हैं। क्योंकि, इनके दिमाग में वह बात बैठ गई हैं की यह रस्सी वह कभी नहीं तोड़ सकती हैं। उसकी बात सुनकर वैद्य को बहुत बड़ी सीख मिली और वह वपास अपने घर को चला गया।

नैतिक सीख🧠: हमें कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कोई भी कार्य जो हमारे बड़े बुजुर्गों ने नहीं कर पाये या फिर हमने कभी करने की कोशिश की थी और नहीं कर पाया। वह कार्य मैं या कोई भी नहीं कर सकता। हमेशा अपने सोचने के तरीके को बदलो। इस दुनिया में कोई भी कार्य ऐसा नहीं है जो आप नहीं कर सकते। बस आपको सही मार्गदर्शक की जरूरत होती हैं।

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Last Reviewed: 03 May 2024

Next Review: 03 May 2025

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