कहानियां के माध्यम से हम अपने बच्चे का बौद्धिक विकास में तेजी ला सकते हैं। क्योंकि, यह एक ऐसा जरिया हैं, जिसके माध्यम से आपका बच्चा अपना दिमाग चलाना सीखता हैं, और आगे क्या होने वाला हैं उसके बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता हैं। इसके साथ-साथ आप का बच्चा को नैतिक सीख भी मिलती हैं, जैसे: शेर ने गलत किया या हाथी ने? उसको ऐसा करना चाहिये या नहीं? इत्यादि। इसके साथ-साथ आप अपने बच्चे से पूछे की आपके अनुसार हाथी को क्या करना चाहिए था? आपने इस कहानी से क्या सीखा? अगर आप छोटे बच्चों की कहानियां खोज रहे हैं, तो सही जगह पे हैं। जहाँ पर आपके बच्चे बौद्धिक विकास होगा।
आज के आधुनिक युग में छोटे बच्चे भी फोन में विडिओ गेम खेलते और देखते रहते हैं। जोकि बच्चे के मानसिक स्वास्थ और आँखों पर बहुत बुरा प्रभाव डालता हैं। आप कोशिश करे अपने छोटे बच्चे को मोबाइल फोन से दूर रखें। इसलिए, आज बच्चाघर के इस लेख में आपको 9 प्रेरणादायक बच्चों की मनपसंद कहानियां सुनाएंगे। जिससे आप के बच्चे का भरपूर मनोरंजन होगा। तो चलो शुरू करते है आप के बच्चे के मनपसंद सफर को।
1. चालाक बंदर और भोला खरगोश की कहानी:
![hindi-kahani-छोटे बच्चों की कहानियां](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/hindi-kahani.jpg)
एक बार की बात है, एक जंगल में एक बंदर और एक खरगोश रहते थे। बंदर बहुत चालाक था, जबकि खरगोश बहुत भोला था। एक दिन, बंदर ने खरगोश को एक फल के पेड़ के पास देखा। फल बहुत ऊंचे थे और खरगोश उन तक नहीं पहुंच पा रहा था। बंदर ने खरगोश को फल तोड़ने में मदद करने की पेशकश की।
बंदर पेड़ पर चढ़ गया और फल तोड़ने लगा। उसने खरगोश को कुछ फल दिए, लेकिन खुद अधिकांश फल खुद खा गया। खरगोश बहुत निराश था, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकता था।
अगले दिन, बंदर फिर से पेड़ पर चढ़ गया और फल तोड़ने लगा। इस बार, उसने खरगोश को कोई फल नहीं दिया। खरगोश बहुत गुस्सा हो गया और उसने बंदर को सबक सिखाने का फैसला किया।
खरगोश ने एक योजना बनाई। उसने एक गड्ढा खोदा और उसमें आग लगा दी। फिर, उसने बंदर को फल तोड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ने के लिए कहा।
बंदर पेड़ पर चढ़ गया और फल तोड़ने लगा। जैसे ही उसने फल तोड़ना शुरू किया, उसने नीचे आग देखी। वह डर गया और पेड़ से नीचे कूद गया। वह सीधे गड्ढे में जा गिर और जल गया।
कहानी से सीख:
2. सच्ची दोस्ती – (चतुर बंदर और प्यारा खरगोश की कहानी)
![chhote-bachcho-ki-kahaniya](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/chhote-bachcho-ki-kahaniya.jpg)
एक घने जंगल में दो दोस्त बंदर और खरगोश रहते थे। एक दिन, बंदर ने खरगोश को नदी के किनारे बैठे देखा जो जंगल के उस पार बहुत सारे फल लगे हुए पेड़ों को देख रहा था। खरगोश बहुत दुखी था, क्योंकि, वह उस नदी को पार नहीं कर सकता था। बंदर ने पूछा, “खरगोश भाई, तुम इतने दुखी क्यों हो?”
खरगोश ने कहा, “मैं इस नदी को पार करना चाहता हूँ, लेकिन मैं तैर नहीं सकता।” बंदर ने कहा, “चिंता मत करो, मैं तुम्हें नदी पार करवा दूंगा।”
बंदर ने अपने पीठ के ऊपर बैठने के लिए कहा, खरगोश बंदर के ऊपर बैठ गया और बंदर उसे धीरे-धीरे नदी के उस पार ले गया।
जब वे नदी के उस पार पहुँचे, तो बंदर ने हँसते हुये खरगोश से कहा, “तुम्हें बहुत डर लग रहा था, न?”
खरगोश ने कहा, “हाँ, मुझे बहुत डर लग रहा था। तुमने मेरी मदद की है। मैं तुम्हारा बहुत आभारी रहूँगा।”
बंदर ने कहा, “कोई बात नहीं। एक दोस्त दूसरे दोस्त के काम आते है यही तो सच्ची दोस्ती हैं।” बंदर ने बोला चलो अब मैं तुम्हें मीठे-मीठे फल खिलता हूँ। दोनों खुशी से झूम उठे।
कहानी से सीख:
3. परिश्रमी कछुआ और घमंडी खरगोश की कहानी:
![hindi-story](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/hindi-story.jpg)
एक बार की बात है, एक जंगल में एक कछुआ और एक खरगोश रहते थे। खरगोश बहुत तेज़ दौड़ता था, जबकि कछुआ बहुत धीमा चलता था। एक दिन, खरगोश ने कछुआ को दौड़ने की चुनौती दी।
कछुआ जानता था कि वह खरगोश से कभी नहीं जीत सकता, लेकिन फिर भी उसने चुनौती स्वीकार कर ली।
दौड़ शुरू हुई और खरगोश ने तुरंत ही बढ़त बना ली। वह इतनी तेज़ी से दौड़ रहा था कि उसे लगा कि वह कछुआ को हराकर बहुत पहले ही वापस आ जाएगा। इसलिए, उसने बीच रास्ते में आराम करने का फैसला किया।
खरगोश एक पेड़ के नीचे बैठ गया और सोने लगा। इस बीच, कछुआ धीरे-धीरे लेकिन लगातार चलता रहा।
जब खरगोश जागा, तो उसे एहसास हुआ कि वह बहुत देर सो गया है। उसने जल्दी से दौड़ना शुरू किया, लेकिन तब तक कछुआ पहले ही रेस जीत चुका था।
कहानी से सीख:
4. एकता में बल हैं – (बिल्ली और चतुर चूहों की कहानी)
![hindi-story-of-cat-and-rat](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/hindi-story-of-cat-and-rat.jpg)
एक घर में एक बिल्ली और कुछ चूहे रहते थे। बिल्ली चूहों को पकड़ना और खाना पसंद करती थी। चूहे बिल्ली से बहुत डरते थे।
एक दिन, चूहों ने बिल्ली को पकड़ने की एक योजना बनाई। उन्होंने एक घंटी को बिल्ली के गले में बांध दिया। जब बिल्ली घर में घुसी, तो घंटी बजने लगी। चूहों को घंटी की आवाज़ सुनकर पता चल गया कि बिल्ली आ गई है। वे तुरंत अपने छिपने के स्थानों में छिप गए।
बिल्ली घंटी की आवाज़ से बहुत परेशान थी। उसने घंटी को उतारने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं उतर सकी। थक हारकर, बिल्ली ने घर छोड़ दिया।
कहानी से सीख:
5. लालच बुरी बला – (चतुर बिल्ली और मूर्ख चूहों की कहानी)
![hindi-story-kahani](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/hindi-story-kahani.jpg)
बहुत समय पहले की बात है, एक घर में एक बिल्ली और कई चूहे रहते थे। बिल्ली बहुत चालाक थी और चूहे बहुत भोले थे। बिल्ली हमेशा चूहों को पकड़ने की कोशिश करती थी।
एक दिन, बिल्ली ने एक योजना बनाई। उसने एक जाल में कुछ ब्रेड का टुकड़ा रखी और उसे घर के कोने में रख दिया। फिर, वही छिप गई और चूहों का इंतजार करने लगी।
जैसे ही चूहों ने रोटियों का टुकड़ा देखा, वे उस पर झपट पड़े। जैसे ही वे जाल के अंदर गए, बिल्ली ने तुरंत जाल बंद कर दिया।
चूहे अब फंस गए थे। बिल्ली ने उन्हें जाल से बाहर निकाला और उन्हें खाना शुरू कर दिया।
कहानी से सीख:
6. मेहनती चींटी और आलसी टिड्डा की कहानी:
![hindi-story-kahani](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/chhote-bachcho-ki-kahaniya_1.jpg)
एक समय की बात हैं एक पहाड़ी पर एक चींटी और एक टिड्डा रहते थे। चींटी बहुत मेहनती और लगनशील थी। वह हर सुबह उठ कर अपना काम करती उसके बाद अपने भोजन की तलास मे दूर निकल जाती।
जबकि टिड्डा दोपहर तक सोता रहता तथा अपने खाने के व्यवस्था नहीं करता था। इसकी यह दिनचर्या देख चींटी ने बोली, “देख भाई अगले महीने से बरसात शुरू होने वाली हैं, कुछ खाने-पीने के लिए समान जुटा के रख लो नहीं तो बारिश में कहा जाओगे खान लाने”
टिड्डा हँसते हुए बोला “मेरी बहन आप क्यों इतना परेशान हो रही हो, अभी तो बरसात का सीजन आने में एक महिना बाकी हैं। सब व्यवस्था हो जाएगी। यह बात सुन चींटी बिना कुछ बोले चली गई।”
अगले दिन से ही बारिश शुरू हो गई और लगातार बारिश हो रही थी। टिड्डे के घर का खान कुछ ही दिनों में खतम हो गया। अब टिड्डा क्या करे? अपने बच्चों को क्या खिलाये।
टिड्डा और उसके बच्चे 3 दिन हो गये बिना कुछ खाये हुये। टिड्डा चींटी के पास गया और सारी बात बताई और बोला बहन मुझे माफ कर दो। अगर मैं आप की बात मान लिया होता तो ऐसा नहीं होता और रोने लगा।
चींटी को दया आई और बोली मैं तुम्हें कुछ खाने को देती हो लेकिन ध्यान रखना भविष्य में दुबारा ऐसा मत करना।
कहानी से सीख:
7. चमकती तितली और गुस्से वाला बादल:
![chhote-bachcho-ki-kahaniya_2](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/chhote-bachcho-ki-kahaniya_2.jpg)
पहाड़ों पर एक छोटी, चमकती तितली रहती थी। वह फूलों से प्यार करती थी और धूप में नाचती थी। लेकिन कभी-कभी, एक बड़ा, काला बादल आ जाता था और गरजता था। तितली को इससे बहुत डर लगता था।
एक दिन, तितली ने बादल से पूछा, “आप इतने गुस्से क्यों होते हैं?” बादल ने कहा, “मुझे सूरज पसंद नहीं है। वह हमेशा मुझ पर चमकता है और मुझे गर्म कर देता है।” तितली ने कहा, “लेकिन सूरज इतना खूबसूरत है! वह फूलों को खिलाता है और हमें रोशनी देता है।”
बादल ने सोचा और महसूस किया कि तितली सही कह रही थी। उसने सूरज की रोशनी को थोड़ा अंदर जाने दिया और इंद्रधनुष बना दिया। तितली बहुत खुश हुई और बादल से दोस्ती कर ली।
कहानी से सीख:
8. पानी की बूँद और नदी की कहानी:
![chhote-bachcho-ki-kahaniya_छोटे बच्चों की कहानियां](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/chhote-bachcho-ki-kahaniya_3.jpg)
एक छोटी सी बूँद बादल से नीचे गिरी। वह अकेली और डरी हुई थी। ज़मीन पर गिरते ही, वह सूखकर गायब हो जाएगी।
तभी, एक बुद्धिमान नदी ने उसे देखा। “चिंता मत कर, छोटी बूँद,” नदी ने कहा। “अकेले रहने से अच्छा है, दूसरों के साथ मिलकर बहना।”
छोटी बूँद नदी में शामिल हुई, और अन्य बूंदों के साथ मिलकर एक धारा बन गई। धारा ने नदी को और बड़ा बना दिया, और उन्होंने साथ में कई जगहों की यात्रा की।
छोटी बूँद ने सीखा कि दूसरों के साथ मिलकर वह कुछ बड़ा और खास बन बनाया जा सकता है।
कहानी से सीख:
9. टिमटिम तारा और अंधेरे का डर की कहानी:
![chhote-bachcho-ki-kahaniya_छोटे बच्चों की कहानियां](https://www.bachchaghar.com/wp-content/uploads/2024/02/chhote-bachcho-ki-kahaniya_4.jpg)
छोटा तारा, टिमटिम, रात में चमकता था, लेकिन वह अंधेरे से डरता था। उसे लगता था कि अंधेरे में कोई खतरनाक जानवर छिपा होगा। एक रात, अचानक बादल छा गए और हर तरफ अंधेरा हो गया।
टिमटिम तारा डर से कांपने लगा। तभी, एक बूढ़े तारे ने उसे समझाया, “अंधेरा बुरा नहीं है। यह हमें चमकने का मौका देता है और रात को खूबसूरत बनाता है। ” टिमटिम ने सोचा और उसने पाया कि बूढ़ा तारा सही कहा रहा हैं। अंधेरे में भी उसकी चमक खास लग रही थी। फिर वह अपने आप पे नाज़ करने लगा।
कहानी से सीख:
हिन्दी नैतिक कहानियां:
- नैतिक कहानी : किसान और गौरैया
- 7 प्रेणादायक शिक्षा देने वाली छोटी कहानी हिन्दी में
- नैतिक कहानी : जैसी संगत वैसी रंगत
निष्कर्ष (Conclusion):
उपरोक्त छोटे बच्चों की कहानियां बहुत प्रेरणादायक और अर्थपूर्ण हैं। यहाँ पर हमने अलग-अलग जानवरों के कहानी जो आप के बच्चे का मनोरंजन करने में मदद कर सकती हैं। इस सभी कहानी को आप अपने बच्चे को किसी भी समय सुना सकते है। इसमे डरावने वाली कोई कहानी नहीं है। इन सभी कहानियों से आप के बच्चे का मानसिक विकास तीव्र गति से होने में सहायक होगा।
Content Review Details
Last Reviewed: 09 February 2024
Next Review: 09 February 2025