बच्चों की मालिश कैसे करें? जानिए सही तरीका, फायदे और सावधानियां

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बच्चों की मालिश करना एक प्राचीन और लोकप्रिय परंपरा है जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करती है। मालिश से बच्चों को आराम, नींद, पोषण, रोग प्रतिरोधक क्षमता और माता-पिता के साथ आत्मीयता जैसे अनेक लाभ मिलते हैं। लेकिन बच्चों की मालिश करने का सही तरीका क्या है? कौन सा तेल चुनें? कितनी देर और कब मालिश करें? इन सब सवालों के जवाब आपको बच्चाघर के इस लेख में मिलेंगे जोकि आप के शिशु के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता हैं।

Table of Contents

बच्चों की मालिश कब शुरू करें (Bachcho ki malish kab shuru karen):

आप नवजात शिशुओं से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चों तक किसी भी उम्र के बच्चे की मालिश कर सकते हैं। हालांकि, नवजात शिशुओं के लिए मालिश करना विशेष रूप से फायदेमंद होता है। ध्यान रहे नवजात शिशुओं के पेट की मालिश नाभि का घाव ठीक होने के बाद से शुरू करना चाहिये।

बच्चों की मालिश करने का सही तरीका (Bachcho ki malish karne ka sahi tarika):

एक स्वस्थ और खुशहाल बचपन के लिए बच्चों की मालिश करना बहुत जरूरी होता हैं। जिससे बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। बच्चों की मालिश करने से बच्चे को आराम मिलता है, नींद अच्छी आती है, तनाव कम होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, और विकास में तेजी आती है। आपको बच्चे को मालिश करने का कुछ प्रमुख तरीका निम्नलिखित हैं:

सबसे पहले अपने हाथों के नाखूनों को छोटा रखें और अच्छी तरह से साफ करें।
कोशिश करें मालिश सुबह की हल्की धूप के साथ शांत और स्वच्छ जगह पर करें जहाँ बच्चा आराम से रह सकें।
बच्चे को एक मुलायम तौलिये या कंबल पर लेटाएं और उसके शरीर को ढकने के लिए एक दूसरा कंबल रखें।
बच्चे की मालिश के लिए उपयुक्त तेल चुनें जैसे कि जैतून का तेल, नारियल का तेल, बादाम का तेल या सरसों का तेल हो सकता हैं।
मालिश के समय बच्चे का मूड और दिनचर्या के अनुसार चुनें। आम तौर पर, मालिश करने का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम होता है।
मालिश करते समय बच्चे के साथ बातें करें, उसे प्यार से छूएं, उसकी आंखों में देखें और उसे हँसाये। इससे बच्चे को आपका दुलार महसूस होगा और वह मालिश का आनंद लेगा।

बच्चों की मालिश कैसे करें (Bachcho ki malish kaise kare)

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इस चरण में हम अपने बच्चे के मूड को देखेंगे की वह मालिश कराने के लिए सहमत हैं की नहीं। अगर बच्चे के अंदर चिड़चिड़ापन हैं तो हम थोड़ी देर बच्चें को प्यार, दुलार और लोरी सुनाने के बाद ही बच्चे के मालिश की प्रक्रिया शुरू करेंगे। अगर आप पहली बार माँ बनी हैं तो मैं एक बच्चे की माँ होने के नाते मुझे पूर्ण विश्वास हैं की मेरा अनुभव आप के बहुत काम आएगा जो मैं नीचे बताने जा रही हूँ।

1. प्रथम चरण- बच्चें के पैर की मालिश से शुरू करें:

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अपने हाथ पे हल्का ग्राम तेल ले और बच्चे के दोनों पैर पर लगाये। इसके तुरंत बाद बच्चे के पैर को हल्के हाथों से एक दिशा मे मालिश करे अगर आप अंदर से बाहर, नीचे से ऊपर कर रही हैं तो उसी वेग में मालिश करें। जबकि ऊपर से नीचे कर रही हैं तो उसी दिशा में मालिश करें जब तक पुरा तेल सोख न लें।

इसी प्रकार से यह प्रक्रिया 2 से 3 बार करें अंत मे बच्चे के पैर के तलवे को धीरे-धीरे गोल आकार में चलाये। दोनों पैर को गुठनों से मोड़े और कमर से हल्का उठा कर पेट पे दबाये इससे बच्चे के पेट की गैस बाहर आ जायेगी। इसके बाद बच्चे का दायाँ हाँथ बायाँ पैर को आपस में टच कर के धीरे से खिचें यही प्रक्रिया दूसरे हाथ पैर के साथ करें।

2. द्वितीय चरण- बच्चे के हाथ की मालिश:

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इस चरण मे बच्चे के हाथों की मालिश करना सीखेंगे जोकि एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण हैं। सर्वप्रथम बच्चे को पीठ या पेट के बल लेटा कर दोनों हाथों मे तेल लगा कर। गोलाई मे या ऊपर से नीचे या नीचे से ऊपर की दिशा मे दोनों हाथों को मालिश करेंगे। इसके साथ-साथ हम कलाई को गोल-गोल मालिश करेंगे। आखिरी में बच्चे का दोनों हाथों को ऊपर उठा कर जोड़ेंगे फिर खोलेंगे ऐसा 5 से 10 बार करेंगे।

3. तृतीय चरण- बच्चे के पीठ की मालिश:

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बच्चे को पेट के बल लेटा कर पीठ पे हल्का गर्म तेल लगा कर रीढ़ की हड्डी को छोड़ कर दोनों तरफ मालिश करें। यह प्रक्रिया नीचे से ऊपर तथा दायें से बायें की तरफ करें। जिससे बच्चा बहुत सहज महसूस करेगा, ध्यान रहें की रीढ़ की हड्डी पर किसी भी प्रकार का दबाव न पड़ने पाये।

4. चौथा चरण- बच्चे के पेट की मालिस:

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बच्चे के पेट की मालिश बहुत ही आसानी से करें क्योंकि, यह बच्चे का बहुत ही नाजुक अंग होता हैं। आप बच्चे के पेट से लेकर सीने तक तेल लगा दें। तुरंत बाद हल्के हाथों से घड़ी की सीधी दिशा और उलटी दिशा मे बच्चे की मालिस करें। ध्यान रहें नाभि पर जरूरत से ज्यादा दबाव न पड़ने पाये।

5. पाँचवा चरण- सीने से कंधे तक की मालिश:

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बच्चे के सीने और कंधों को एक साथ मालिश करते हैं। सीने से कंधे तक तेल लगा कर दोनों हाथों को फैलते हुए मालिश करें। कंधों को थोड़ा ज्यादा बल लगा के मालिश किया जा सकता हैं। इसीप्रकार से सीने से कंधे तक की मालिश 1 से 2 मिनट तक करें।

6. छठा चरण- बच्चे के सिर और चेहरे की मालिश:

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सबसे आखिरी चरण मे बच्चे के चेहरे और सिर की मालिश करना होता हैं तथा चेहरे पर हल्का तेल लगा कर आँख के नीचे क्लॉक वाइस और एंटी क्लॉक वाइस मसाज कर सकते हैं। इसके साथ-साथ आँख के ऊपर भी इसी प्रक्रिया को करेंगे और बच्चे के चेहरे पर दोनों हाथों की 4 अंगुलियों से मालिश करेंगे। सिर को चंपी की तरह हल्का-हल्का मसाज करे सकती हैं।

बच्चों की मालिश के फायदे (Bachcho ke malish ke faiyde):

बच्चों की मालिश की परंपरा बहुत पुरानी हैं, जिससे बच्चे को अनगिनत फ़ायदे हैं जोकि प्रमुख निम्नलिखित हैं।

मालिश से बच्चों का रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे उनके शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। इससे उनकी हड्डियां, मांसपेशियां, त्वचा और बाल स्वस्थ रहते हैं।
मालिश से बच्चों की नसों में तनाव कम होता है और उन्हें आराम और शांति मिलती है। इससे शिशु का मूड अच्छा होता है और वह अधिक खुश और प्रसन्न रहता हैं।
मालिश से बच्चों की नींद बेहतर होती है जिससे उनका दिमाग और शरीर अच्छी तरह से विश्राम करते हैं। इससे उनकी स्मृति, ध्यान, और सीखने की क्षमता बढ़ती है।
मालिश से बच्चों की पाचन क्रिया सुधरती है और उन्हें कब्ज, गैस, और कोलिक जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इससे उनका भोजन अच्छी तरह से पचता है और उनका वजन भी संतुलित रहता है।
मालिश से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, और अन्य संक्रमणों से बचाव मिलता है। इससे उनका शरीर अधिक मजबूत और तंदुरुस्त बनता है।
मालिश से बच्चों के साथ माता-पिता के बीच का रिश्ता मजबूत होता है और उनमें आत्मविश्वास, सुरक्षा, और प्रेम की भावना बढ़ती है।

बच्चों की मालिश के लिए सावधानियां:

बच्चों की मालिश यह एक ऐसी विधि हैं जिसको अगर सावधानी पूरक न किया जाये तो बच्चे को बहुत सारे नुकसान भी सहना पड़ सकता हैं। कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना अतिआवश्यक जोकि निम्नलिखित हैं।

बच्चे को दूध पिलाने के 25 से 30 मिनट बाद मालिश करें।
मालिश करने से पहले त्वचा की जांच करें और यदि बच्चे को हाथ या पैर में टीका लगा हो, अथवा शरीर में कोई छाले, घाव, एलर्जी, या इन्फेक्शन हो तो मालिश न करें।
मालिश करने के लिए बच्चों के लिए उपयुक्त तेल ही इस्तेमाल करें और उन्हें पहले अपने हाथों पर या बच्चे की कलाई पर लगाकर टेस्ट करें। यदि उनमें कोई जलन, लालिमा, या खुजली हो तो उन्हें तुरंत धो लें और डॉक्टर से सलाह लें।
मालिश करते समय बच्चे के शरीर पर जोर न डालें और उनके जोड़ों, रीढ़ की हड्डी, गले, और नाभि को बचाकर रखें।
मालिश करने के बाद बच्चे को अच्छी तरह से साफ करें और उनके शरीर पर तेल को अतिरिक्त न छोड़ें। इससे उनकी त्वचा में गंदगी या बैक्टीरिया का संक्रमण होने का खतरा कम होता है।
 यदि शिशु मालिश के दौरान रो रहा हैं तथा असहज महसूस कर रहा है, तो मालिश करना बंद कर दें।

बच्चों की मालिश के लिए प्रमुख तेल:

बच्चों की मालिश के लिए तेल चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिये जैसे: तेल प्राकृतिक होना चाहिए, तेल बच्चे की त्वचा के लिए सुरक्षित होना चाहिए और तेल बच्चे की त्वचा को नुकसान न पहुंचाए। हालांकि, इन तेलों में केमिकल्स और टॉक्सिन्स हो सकते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

बादाम का तेल (Almond oil):

बादाम का तेल बच्चों की मालिश के लिए सबसे लोकप्रिय तेलों में से एक है। यह तेल त्वचा के लिए बहुत ही मॉइस्चराइजिंग और पोषण देने वाला होता है। यह त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है। बादाम के तेल में विटामिन ई, विटामिन ए, और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चों की त्वचा के विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।

नारियल का तेल (Coconut oil):

नारियल का तेल भी बच्चों की मालिश के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह तेल एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है, जो त्वचा को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। नारियल का तेल त्वचा को मॉइस्चराइज भी करता है और इसे मुलायम बनाता है।

तिल का तेल (Sesame oil):

तिल का तेल बच्चों की मालिश के लिए एक गर्म तेल है। यह तेल शरीर को गर्म रखता है और मांसपेशियों को आराम देता है। तिल के तेल में आयरन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।

जैतून का तेल (Olive oil):

जैतून का तेल एक हल्का तेल है, जो त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा होता है। यह तेल त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और इसे मुलायम बनाता है। जैतून के तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।

सरसों का तेल (Mustard oil):

सरसों का तेल एक गर्म तेल है, जो शरीर को गर्म रखता है और मांसपेशियों को आराम देता है। सरसों के तेल में आयरन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, इस तेल से ठंड मे बच्चे को मालिश करने से अनेकों फायदे होते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)

निष्कर्ष:

बच्चों की मालिश करना एक अच्छी तकनीक हैं जोकि सही समय पर किये जाने से बच्चे का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। इसके अलावा, यह माँ और बच्चे के बीच एक सुखद अनुभव कराने वाला अद्भुत साधन हैं। इसलिए बच्चाघर आपको बाल चिकित्सक की मदद से बच्चों की मालिश के सही तौर तरीके बताये हैं। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको और आप के बच्चे के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।

Sources of content

Blogs:

1. Your Guide to Baby Massage (Healthline.com)

2. Baby massage: tips and benefits (nct.org.uk)

3. How to Massage a Baby (parents.com)

4. Should You Try an Infant Massage on Your Baby? (whattoexpect.com)

5. Newborn Baby Massage Guide (johnsonsbaby.in)

6. Infant Massage: Benefits and Techniques (lancastergeneralhealth.org)

Content Review Details

Last Reviewed: 01 May 2024

Next Review: 01 May 2025

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