बच्चे को स्तनपान के लाभ: कब कैसे और कितना कराएं

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स्तनपान केवल शिशु को पोषण प्रदान करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह माँ और बच्चे के बीच एक अनोखे बंधन को मजबूत करने का भी एक माध्यम है। स्तनपान के दौरान, माँ का दूध शिशु को आवश्यक सभी पोषक तत्व प्रदान करता है साथ ही साथ उन्हें संक्रमण से बचाने में भी मदद करता है।1 इसके अलावा स्तनपान माँ और बच्चे के बीच एक गहरे भावनात्मक संबंध को बढ़ावा देता है। जन्म के समय शिशु मे रोग प्रतिरोधक क्षमता का अभाव होता है। इस अभाव को पूर्ण करने का कार्य माँ का दूध ही करता है।

माँ के दूध मे लेटोफ़ॉर्मीन नामक तत्व पाया जाता है, जो कि शिशु कि आंत मे लौह तत्व को बांध कर रखता है। माँ के दूध मे प्रोटीन , वसा , विटामिन और मिनरल्स , अंटीबॉडीज , लैक्टोज प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है। यह सभी तत्व शिशु को पूर्ण आहार प्रदान करता है। जिससे शिशु को पोषण के साथ साथ प्रतिरोधक क्षमता मे मजबूती भी प्रदान होती है।

पहली बार स्तनपान कैसे कराएं: (Pahli bar stanpan kaise karaye)

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प्रसव के तुरंत बाद माँ के स्तन को हल्के गुनगुने पानी से साफ कर के 1 घंटे के अंदर शिशु को आधे-आधे घंटे तक दोनों स्तन पिलाना चाहिये। 3 जिससे माँ और बच्चे के बीच एक मजबूत संबद्ध स्थापित होता है तथा सही तरीके से स्तनपान कराने से बच्चे का पेट भर जाता है और बच्चा रोता भी नही। इसके साथ-साथ पहली बार बनी माँ के लिए स्तनपान कराने से पहले कुछ और बातों का ध्यान मे रखना बहुत जरूरी होता है।

  1. आरामदायक स्थान चुनें:
    • स्तनपान कराते समय सुनिश्चित करें कि आप आरामदायक और शांत स्थान में हैं। इससे आपको और आपके बच्चे को आराम मिलेगा।
  2. सही मुद्रा में बैठें:
    • आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए और बच्चे को आपके सीने से अधिक पास रखना चाहिए।
    • बच्चे का सिर आपके बाजु के झुकाव में होना चाहिए, ताकि वह सही तरीके से स्तनपान कर सके।
  3. स्तन को सही तरीके से पकड़ायें:
    • बच्चे को स्तन का चौड़ा हिस्सा (आरोला) मुंह में लेना चाहिए, न कि केवल निप्पल।
  4. सही जांच:
    • स्तनपान कराते समय ध्यान दें कि बच्चा सही तरीके से चूस रहा है। अगर आपको दर्द हो रहा है, तो बच्चे को धीरे से हटाकर पुनः सही पोजिशन में लाएं।
  5. स्तनपान के बाद आराम:
    • स्तनपान के बाद, बच्चे को अपने कंधे पर रखें और धीरे से पीठ पर थपथपाएं। जिससे शिशु के पेट मे दर्द और गैस नहीं होगा।

स्तनपान के लाभ: (Stanpan ke labh)

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स्तनपान के लाभ अनगिनत हैं। स्तन के दूध में सभी पोषक तत्व होते हैं जिनकी बच्चे को विकास और वृद्धि के लिए आवश्यकता होती है। यह बच्चे को संक्रमण से बचाने में भी मदद करता है। स्तनपान से मां को भी कई लाभ होते हैं। यह गर्भाशय को सिकुड़ने में मदद करता है और मां को प्रसव के बाद रक्तस्राव, वजन कम करने में मदद करता है। जबकि, माँ के दूध के सेवन से स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि के कैंसर का खतरा भी कम होता है।9

शिशु के लिए स्तनपान के फायदे: (Shishu ke liye stanpan ke fayde)

स्तन के दूध में सभी पोषक तत्व होते हैं जिसकी शिशु की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यकता होती है।
स्तन के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो शिशु को संक्रमणों से बचाते हैं।
स्तनपान शिशु को मधुमेह, मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करता है।
स्तनपान शिशु को मानसिक और भावनात्मक विकास में मदद करता है।

माँ के लिए स्तनपान के फायदे: (Ma ke liye stanpan ke fayde)

स्तनपान गर्भाशय को सिकुड़ने में मदद करता है और प्रसव के बाद रक्तस्राव को कम करता है।
स्तनपान से मां को स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि के कैंसर का खतरा भी कम होता है।
स्तनपान मां को वजन कम करने में मदद करता है।
स्तनपान मां और शिशु के बीच एक मजबूत बंधन बनाने में मदद करता है।

शिशु को स्तनपान कब कराएं : (Stanpan kab karaye)

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स्तनपान को नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि माँ का पहला गढ़ा पीला दूध शिशु के लिए अमृत होता है, जो उसे कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। स्तनपान शुरू करने में देरी करने से शिशु के विकास और वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जन्म के तुरंत बाद, शिशु को माँ के दूध में मौजूद एंटीबॉडी मिलते हैं जो उसे संक्रमण से बचाते हैं।9

स्तनपान कितना कराएं: (Stanpan kitna karaye)

शिशु को दूध लगातार पिलाते रहे जब तक वह संतुष्ट न हो जाए। शिशु आमतौर पर प्रत्येक स्तन से 10 से 15 मिनट तक दूध पीते हैं, यह शिशु पर निर्भर करता है। नवजात शिशु को हर 2 से 3 घंटे में स्तनपान कराते रहना चाहिए तथा 24 घंटे मे 8 बार स्तनपान कराएं , जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, वे स्तनपान करना कम कर देता है। छह महीने की उम्र तक, बच्चे को दिन में 6 से 8 बार स्तनपान कराना चाहिए। 3

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार शिशुओं को जन्म से 6 महीने तक केवल स्तनपान कराया जाना चाहिए।6 6 महीने के बाद, शिशुओं को ठोस आहार शुरू करना चाहिए लेकिन, स्तनपान जारी रखना चाहिए। शिशुओं को 2 साल की उम्र तक स्तनपान कराते रहना चाहिए।2

स्तनपान कराने वाली माँ का आहार: (Stanpan karane wali maa ka ahar)

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स्‍तनपान कराने वाली माताओं का खानपान उनके शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्तन के दूध में माँ के आहार से पोषक तत्व आते हैं, इसलिए माँ को अपने आहार में विभिन्न प्रकार के पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। स्तन के दूध का उत्पादन करने के लिए, मां को पर्याप्त कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है।

  • कैलोरी: स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने सामान्य आहार से 300 से 500 अतिरिक्त कैलोरी खाने की आवश्यकता होती है।
  • प्रोटीन: प्रोटीन स्तन के दूध के उत्पादन के लिए आवश्यक है। स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रति दिन लगभग 71 ग्राम प्रोटीन खाने की आवश्यकता होती है।
  • कैल्शियम: कैल्शियम हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रति दिन लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम खाने की आवश्यकता होती है।
  • आयरन: आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है। स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रति दिन लगभग 27 मिलीग्राम आयरन खाने की आवश्यकता होती है।
  • फोलेट: फोलेट शिशु के विकास के लिए आवश्यक है। स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रति दिन लगभग 500 माइक्रोग्राम फोलेट खाने की आवश्यकता होती है।
  • विटामिन डी: विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है। स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रति दिन लगभग 600 IU विटामिन डी खाने की आवश्यकता होती है।

डक्टर से सलाह कब ले: (Doctor se slah kab le)

यदि आप को स्तनपान कराने पर किसी भी प्रकार की परेशानी हो रही है तो आप अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपको स्तनपान के तरीके तथा उसके लाभों और चुनौतियों के बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकते हैं। स्तनपान एक व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन यह आपके और आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)

निष्कर्ष (Conclusion):

स्तनपान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो शिशु और माँ दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करती है। स्तनपान शिशु को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और मानसिक विकास को बढ़ावा देता है। स्तनपान माँ के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह वजन कम करने में मदद करता है, हृदय रोग और स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है।

Sources of content

Blogs:

1. Breastfeeding, (https://www.who.int/health-topics/breastfeeding#tab=tab_1)

2. Breastfeeding and complementary feeding, (https://www.paho.org/en/topics/breastfeeding-and-complementary-feeding)

3. Pregnancy, Childbirth, Postpartum and Newborn Care: A Guide for Essential Practice, (https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK326679/)

4. WHO and UNICEF issue new guidance to promote breastfeeding in health facilities globally, (https://www.unicef.org/press-releases/who-unicef-issue-new-guidance-promote-breastfeeding-globally)

World Breastfeeding Week (WBW), (https://waba.org.my/wbw/)

6. Infant and young child feeding, (https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/infant-and-young-child-feeding)

7. Common breastfeeding positions, (https://www.unicef.org/parenting/food-nutrition/breastfeeding-positions)

8. स्तनपान के बारे में वो सात बातें जो आपको जाननी चाहिए, (https://www.bbc.com/hindi/articles/c88vez6881yo)

9. स्तनपान करवाने के लाभ, (https://www.msdmanuals.com/hi-in/home/children-s-health-issues/care-of-newborns-and-infants/breastfeeding)

10. स्तनपान के क्या लाभ हैं?, (https://www.babycenter.in/a1045874/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%A8%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AD-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82)

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Last Reviewed: 01 May 2024

Next Review: 01 May 2025

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